आजकल के कॉरपोरेट जगत में हसल कल्चर (Hustle Culture) का चलन बढ़ता जा रहा है। इस कल्चर के तहत कर्मचारी कामयाबी और प्रोडक्टिविटी की तलाश में खुद को काम में झोंक देने को प्राथमिकता देते हैं। लेकिन क्या यह कल्चर वास्तव में हमारी पर्सनल और प्रोफेशनल जिंदगी के लिए फायदेमंद है? Swiggy CEO Hustle Culture पर अपने विचार रखते हुए इस पर खुलकर बोले हैं, और उनके इस बयान ने लोगों का ध्यान खींचा है।
Swiggy CEO Hustle Culture : हाल ही में बेंगलुरु में एक कार्यक्रम के दौरान स्विगी के CEO रोहित कपूर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। इस वीडियो में रोहित कपूर ने आज के वर्क कल्चर और ऑफिस कल्चर पर खुलकर चर्चा की। साथ ही, उन्होंने युवाओं को काम के प्रति अपने दृष्टिकोण में सुधार लाने की सलाह दी है।
अर्न्स्ट एंड यंग की चार्टर्ड अकाउंटेंट एना सेबेस्टियन की मौत से छिड़ी बहस
कार्यक्रम के दौरान रोहित कपूर ने कहा कि हाल ही में अर्न्स्ट एंड यंग (EY) कंपनी की 26 साल की चार्टर्ड अकाउंटेंट एना सेबेस्टियन की मौत के बाद सोशल मीडिया पर हसल कल्चर को लेकर एक बहस छिड़ी हुई है। इस घटना ने सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या हम अपने काम और स्वास्थ्य के बीच सही संतुलन बना पा रहे हैं। रोहित कपूर ने इस घटना का जिक्र करते हुए कहा कि वे कई दिनों से इस मुद्दे पर विचार कर रहे थे और आज उन्हें इस पर अपनी बात रखने का मौका मिला है।
Swiggy CEO ने वर्क कल्चर पर क्या कहा?
रोहित कपूर ने कहा कि ऑफिस का काम देर रात तक करना, घंटों एक ही जगह बैठकर काम करते रहना, और बिना कुछ खाए-पिए काम करते रहना न केवल पर्सनल जिंदगी के लिए हानिकारक है बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी बेहद नुकसानदायक है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ज्यादा से ज्यादा काम करके सफलता, कंपनी में ऊंचा पद, और अच्छी सैलरी पाने की चाह में आजकल के युवाओं ने Hustle Culture की प्रवृत्ति को जन्म दिया है। यह प्रवृत्ति युवाओं के लिए जानलेवा साबित हो रही है और इससे उनका मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।
Swiggy CEO Hustle Culture : उन्होंने आगे कहा कि कुछ लोग दावा करते हैं कि वे देर रात तक ऑफिस का काम करते हैं, लेकिन जब उनसे यह पूछा जाता है कि वे अगले दिन ऑफिस किस समय पहुंचते हैं, तो उनके पास इसका कोई ठोस जवाब नहीं होता। कामयाबी के लिए मेहनत करना जरूरी है, लेकिन ऐसी मेहनत जो हमारी सेहत और जीवन को खतरे में डाल दे, वह किसी भी हालत में सही नहीं हो सकती।
रोहित कपूर ने युवाओं को दिया गुरुमंत्र
कार्यक्रम में रोहित कपूर ने युवाओं को एक अहम संदेश दिया। उन्होंने कहा कि सारा दिन और सारी रात, पागलों की तरह काम करने से कुछ हासिल नहीं होता। उन्होंने कहा, “इंसान के पास सिवाय वक्त के कुछ नहीं है। जीने के लिए पैसा और पैसे के लिए नौकरी जरूरी है, लेकिन जीने के लिए परिवार और दोस्त भी जरूरी हैं।” उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे रिश्तों को प्राथमिकता दें और पर्सनल तथा प्रोफेशनल जिंदगी को अलग-अलग रखने की कोशिश करें।
Swiggy CEO Hustle Culture : उन्होंने यह भी कहा कि एक्स्ट्रा काम करने से न ज्यादा पैसे मिलेंगे और न ही असली सफलता मिलेगी। उन्होंने सवाल किया कि मान लीजिए एक्स्ट्रा पैसे और सफलता मिल भी गई, तो क्या उससे हमें सुकून मिलेगा? उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे मेहनत और काम उतना ही करें, जितना जरूरी हो। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ऑफिस और नौकरी को समय देने के साथ-साथ अपने परिवार और दोस्तों को भी वक्त दें, ताकि जीवन में संतुलन बना रहे और सामाजिक चक्र चलता रहे।
हसल कल्चर के खिलाफ आवाज उठाना जरूरी
Swiggy CEO Hustle Culture पर अपनी बात रखते हुए यह स्पष्ट किया कि हसल कल्चर के पीछे की सोच हमें भले ही सफल बना दे, लेकिन इसकी कीमत हम अपने स्वास्थ्य और निजी जीवन से चुका रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेहनत करना बुरी बात नहीं है, लेकिन अपने स्वास्थ्य और रिश्तों की कीमत पर इसे अपनाना समझदारी नहीं है।
रोहित कपूर के वीडियो पर लोगों की प्रतिक्रिया भी देखने को मिली। ज्यादातर यूजर्स ने उनके विचारों का समर्थन किया और कहा कि उन्होंने जो बातें कही हैं, वह आज के समय में बेहद प्रासंगिक हैं।
निष्कर्ष – Swiggy CEO Hustle Culture
Swiggy CEO Hustle Culture के बारे में रोहित कपूर ने जो बातें कहीं हैं, वह हमें सोचने पर मजबूर करती हैं कि क्या हमारी कामयाबी वाकई हमारे निजी जीवन से ज्यादा महत्वपूर्ण है? आज के युवाओं को यह समझने की जरूरत है कि काम और जीवन के बीच सही संतुलन बनाना जरूरी है। हसल कल्चर में फंसकर हम अपने जीवन के उन महत्वपूर्ण हिस्सों को नजरअंदाज कर रहे हैं, जो हमें असल में खुश और संतुष्ट बनाते हैं।
रोहित कपूर ने अपनी बातों से हमें यह समझाने की कोशिश की है कि काम करना जरूरी है, लेकिन उतना ही जरूरी है अपनी पर्सनल लाइफ को महत्व देना। कामयाबी और खुशी के बीच सही संतुलन बनाना ही असली सफलता है।